देश की सबसे बड़ी जरूरत है शिक्षा, इसे सबके दरवाजे तक पहुंचाएं: डीपी यादव

देश की सबसे बड़ी जरूरत है शिक्षा, इसे सबके दरवाजे तक पहुंचाएं: डीपी यादव

# समाज सेवा करना हमारा जज्बा है, राजनीति करना मेरा मकसद नहीं: ई. लख्मीचंद यादव

# कन्स्टिट्यूशन क्लब में भारतीय जनसेवा मिशन का तृतीय स्थापना दिवस एवं प्रतिभा सम्मान समारोह धूमधाम से आयोजित

# अपने-अपने क्षेत्र में चर्चित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हस्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट करके इस राष्ट्रीय मंच पर किया गया सम्मान
राजनैतिक दुनिया
नई दिल्ली। रविवार को स्थानीय संसद मार्ग एरिया अंतर्गत रफी मार्ग स्थित कन्स्टिट्यूशन क्लब सभागार में भारतीय जनसेवा मिशन के द्वारा तृतीय स्थापना दिवस समारोह एवं प्रतिभा सम्मान समारोह 2023 का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री डी पी यादव ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस मौके पर भारतीय जनसेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. लख्मीचंद यादव, वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार कमलेश पांडेय आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
इस अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त करते हुए पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री डी पी यादव ने कहा कि अपने देश में 60 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, उनका जीवन स्तर उठाने के लिए सबको शिक्षित करना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय जनसेवा मिशन और उसके लोग इस सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए अपना अभिन्न योगदान दें। उन्होंने कहा कि गरीबों की मदद के लिए हमने नारायणी सेवा अभियान शुरू किया था, जो अपने उद्देश्य में सफल रहा। लेकिन इससे घबराए हुए लोगों ने हमारे खिलाफ ही षड्यंत्र रच दिया। 

उन्होंने कहा कि हमलोग बाहुबली नहीं, बल्कि शांतिप्रिय लोग हैं। हमलोग गांव से उठे, मेहनत की और आगे बढ़े। आज हम उद्योग-धंधे, स्कूली शिक्षा, और नौकरी देने-दिलाने के काम में अपनी पहचान रखते हैं। एक मध्यम वर्ग के किसान परिवार से निकल कर इतना कुछ इसलिए कर पाए, क्योंकि लगन व मेहनत ही हमारी पूंजी रही। हम यह सबकुछ कैसे कर पाए और हमारे जैसे लोग जिंदगी में कैसे आगे बढ़ पा रहे हैं, इन उपलब्धियों को गरीब परिवार से ऊपर उठने का हौसला रखने वाले युवाओं को बताना होगा।तभी उनकी दृष्टि बदलेगी। उन्हें अपने हुनर के साथ साथ अपने द्वारा किये जाने वाले जनसेवा के बारे में भी बताइए। आप अपने हुनर व शिक्षा को बांटते चलिए, इससे आपकी ये चीजें बढ़ती जाएंगी। उन्होंने कहा कि ई. लख्मीचंद यादव अक्सर क्रान्ति पैदा करने की बात करते हैं, जबकि उन्हें  जनसेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने पांच
तत्व सबको फ्री में दिए हैं- पानी, मिट्टी, आग, हवा, आकाश, ये सब दवा हैं, इनका सदुपयोग करके अपने जीवन को धन्य बनाइये। 
उन्होंने आमलोगों से जाति-धर्म की ओछी मानसिकता से ऊपर उठने का आह्वान करते हुए कहा कि मनुष्य की सिर्फ एक जाति है, वह इंसान, इंसानियत है। जातियां तो पशु- पक्षियों में होती हैं। उन्होंने कहा कि इंसान कुदरत की देन है, इसलिए इसमें जाति नहीं है। उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि दिमाग का काम दिमाग से लेना चाहिए, जोर जबर्दस्ती से नहीं। इसलिए जो दबे-कुचले लोग कुछ करने की कोशिश में हैं, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। उनके अभावों को दूर करने के लिए हर सक्षम व्यक्ति को आगे आना चाहिए। क्योंकि जो लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं, उन्हें हुनरमंद बनाना बहुत जरूरी है। 

उन्होंने आगे कहा कि जिस समाज या देश में शिक्षा के प्रति इतनी विषमता हो, वहां जनसेवा मिशन की जरूरत है। मिशन के संगी साथी इस विषमता को दूर करने की कोशिश करें। उन्होंने व्यंग्य भरे लहजे में कहा कि हमारे नेताओं ने अपने अपने क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी कमियां छोड़ दीं, ताकि लोग पिछड़े रहें और उनसे सवाल-जवाब नहीं कर पाएं। सबको एक समान शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं देने की कमियां आज हर किसी को खल रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मुल्क की पहली जरूरत शिक्षा है, इल्म है। क्योंकि प्रतिभाएं हममें हैं, बस उन्हें तलाशने-तराशने की जरूरत है। राष्ट्रीय जनसेवा मिशन इस दिशा में आगे बढ़ सकता है। इसलिए इस संस्था को मजबूत कीजिए। संस्था को अच्छे कर्म और अच्छे लोग दीजिए। मेहनत पर विश्वास रखिये। क्योंकि आगे बढ़ने का माद्दा हर आदमी में होता है।
उन्होंने एक दिलचस्प शायरी से अपनी बात समाप्त की- 
"आंधियों के बीच जो दीया, जलता हुआ मिल जाएगा। उस दीये से पूछना, मेरा पता मिल जाएगा।"
इस मौके पर भारतीय जनसेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. लक्ष्मीचंद यादव ने संगठन के स्थापना दिवस समारोह में पहुंचीं राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हस्तियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आपलोगों को पुरस्कृत करते हुए हमें गर्व महसूस होता है, क्योंकि आप लोगों ने अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देश-समाज को दिए हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में चमकना हमारा मकसद नहीं है, बल्कि हर जरूरतमंद के काम आ सकूं, उनके दुःख-दर्द दूर कर सकूं, इस बात की छटपटाहट मेरे दिल में बनी रहती है। उन्होंने बताया कि जुल्म-अत्याचार का विरोध करने की आदत उनमें बचपन से ही व्याप्त है। इसलिए गांव के लोग हमें रंगरूट समझते और अच्छी नजरों से नहीं देखते। इसलिए लोग हमें भी अच्छा कहें, इसलिए मैंने समाजसेवा को अपना मकसद बना लिया। उन्होंने कहा कि हमने इस छोटे से जीवन में हर तरह की लड़ाई लड़ी है। इसलिए अब समाजसेवी के रूप में मैं एक-एक कड़ी बना रहा हूँ। उन्हें परस्पर जोड़ रहा हूँ, ताकि वो किसी के काम आ सकें। यदि प्रकृति ने हमारी सुनी तो अगले 5 साल में हमारा संगठन इतना मजबूत हो जाएगा कि चाहे जिसकी भी सरकार बनेगी, उसे हमारी जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मेरे रोल मॉडल पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री डीपी यादव हैं। हालांकि मुझे राजनीति नहीं, समाजसेवा करनी है। 
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार कमलेश पांडेय ने कहा कि भारतीय जनसेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. लख्मीचंद यादव व इनकी ऊर्जावान टीम के अंदर समाजसेवा का जो जज्बा है, उससे सभी को सीख लेनी चाहिए और समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
इस अवसर पर भारतीय जनसेवा मिशन के प्रदेश अध्यक्ष सतेंद्र यादव ने कहा कि समाजसेवा में हमारी आस्था है। इसलिए संघर्ष और जनसेवा को हमने अपना लक्ष्य बना लिया है, जो आसान नहीं है। उन्होंने एक सज्जन राम विश्वकर्मा के मकान पर एक बार हुए बाहुबलियों के अवैध कब्जे की घटना का जिक्र करते हुए और अन्य कई वैसी ही घटनाओं का जिक्र करते हुए भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि, "मैं नहीं मानता कि भारत का कानून सबके लिए बराबर है।" यहां शिक्षा और रोजगार की हालत सबके लिए समान नहीं है। इस लिए इस दुरूह लक्ष्य को हासिल करने के लिए जो लोग जहां से भी हैं, जिस क्षेत्र से भी हैं, आमलोगों की मदद कीजिए, समाजसेवा कीजिए।
इस मौके पर बंदायू की जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती पूनम यादव ने भी अपनी बातें रखीं और समाजसेवा के महत्व को बताया।
इस अवसर पर बीटीडब्ल्यू के स्वामी सती राम यादव ने भी अपनी बात रखी। वहीं, डॉ शैलेंद्र यादव, लखनऊ, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के हेड सर्जन ने कहा कि जाति-धर्म ने इस देश का बहुत नुकसान किया है। इसलिए इस प्रतिकूल परिस्थिति से देश को बचाने की जरूरत है।
 वहीं, वरिष्ठ पत्रकार वी के पांडेय ने कहा कि भारतीय जनसेवा मिशन पर हमने एक सर्वे किया है। यदि समाज, प्रशासन और सरकार और लोग इनके साथ जुड़ें, इनकी मदद करें तो इनके जनहित कारी लक्ष्यों को पाना आसान हो जाएगा।
वहीं, आयकर अधिकारी विष्णु शंकर ने लोगों को बताया कि समाजसेवा के लिए आपलोग एकजुट होइए और ट्रस्ट/एनजीओ व्यवस्था का लाभ उठाकर गरीबों-जरूरतमंद लोगों की मदद कीजिए। 
वहीं, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, यूपी यूनियन के अध्यक्ष अवधेश चौधरी, एग्जेक्युटिव इंजीनियर, मेरठ बिजली विभाग ने इस संगठन को हाई टेक बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि धरातल पर यह संगठन अच्छा कार्य कर रहा है। इसलिए इसका प्रचार-प्रसार मीडिया व सोशल मीडिया पर होना चाहिए, ताकि इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा सके। 
वहीं, रायबरेली निवासी मेमोरी गुरु सुनील सूर्या ने महज 12 घण्टे में ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पढ़ाने का हुनर विकसित करने का दावा किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान व विवेक के अभाव में कोटा, राजस्थान में कोचिंग करने जाने वाले छात्र-छात्राओं में से 2 दर्जन बच्चे सुसाइड करते हैं। इसलिए आत्म दीपो भव को समझना चाहिए, ताकि ऐसी अनहोनी टले। 
उन्होंने कहा कि हमें अहम ब्रह्मास्मि नहीं बल्कि अहम शुन्यास्मि कहना चाहिए। क्योंकि हमलोग तो इस विश्व ब्रह्मांड के अंश मात्र हैं, शून्य मात्र हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि जिंदगी को काटो मत, जिंदगी जिओ। समान दृष्टि, समान सृष्टि की भावना रखो, क्योंकि प्रकृति ही भगवान है। उन्होंने कहा कि यदि आपने समाज सेवा नहीं की, तो समझो कुछ नहीं किया। इसलिए कुछ भी हो अच्छा रखो अपना सपना, एक दिन सारा जहां होगा अपना।
इस अवसर पर दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष उमाकांत यादव,
 नेटवर्क मार्केटिंग के मोटिवेटर अनुज शर्मा
डेंटल सर्जन डॉ निहारिका यादव, सुशील यादव फिरोजाबाद जिलाध्यक्ष, जगबीर सिंह यादव फर्रुखाबाद जिलाध्यक्ष, आर सी यादव मीडिया प्रभारी दिल्ली, विमलेश कुमार यादव जीएम गंगा वाटर टैंक, कालू यादव संगीतकार, 
अनुष्का पंडित, पहलवान, स्टेट चैंपियन, दिल्ली क्रिकेट टीम के लिए चयनित श्रुति यादव, जिन्होंने कोविड में क्रिकेट खेलना शुरू किया और अच्छी उपलब्धि बहुत कम समय में हासिल की, हेयांश कुमार यादव उम्र 3 साल, 6 माह में माउंट एवरेस्ट बेस कैम्प में भारतीय ध्वज फहराने वाला बालक, 
खेल प्रशिक्षण संस्थान के संस्थापक के डी त्यागी, जिन्होंने क्रिकेट, खो-खो आदि खेलने के लिए मैदान और खिलाड़ियों के रूकने की व्यवस्था की है, ने भी अपनी अपनी बातें रखीं। के डी त्यागी ने कहा कि खेल की ओर जाने से युवा नशे से बच जाता है।
वहीं, अनुज शर्मा ने कहा कि नाम और पहचान से लोग बड़े होते हैं। समारोह में वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि एक लड़की को अपने पैरों पर खड़ा होना जरूरी है। इसलिए 
सभी लोग अपने बच्चों को अवश्य पढ़ाएं।

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