लूट गई बेटियों की आबरू भरे बाजार, कहाँ गए जो कहते थे मैं भी चौकीदार!

लूट गई बेटियों की आबरू भरे बाजार, कहाँ गए जो कहते थे मैं भी चौकीदार!

# कांग्रेस प्रवक्ता डॉली शर्मा ने आईआईटी-बीएचयू बीटेक छात्रा गैंगरेप मामले में केंद्र व यूपी में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और उसके कई बड़े नेताओं पर सियासी हमला किया। 

@ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

लूट रही है, बेटियों की आबरू भरे बाजार....कहाँ गए जो कहते थे- मैं भी चौकीदार!.....इन कटाक्ष भरी पंक्तियों से कांग्रेस प्रवक्ता डॉली शर्मा ने आईआईटी-बीएचयू बीटेक छात्रा गैंगरेप मामले में केंद्र व यूपी में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और उसके कई बड़े नेताओं पर सियासी हमला किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर आदि के नाम लेते हुए उनकी चौकीदारी सहित राजनैतिक भूमिका पर भी कतिपय सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी जनहित के हर मुद्दे पर पीएम की आंख में आंख डालकर बातचीत करते रहेंगे और जनता के साथ अन्याय-अत्याचार नहीं होने देंगे।

ऐसा इसलिए कि इन नेताओं के फोटो उन बलात्कारियों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनकी गिरफ्तारी हाल ही में इस मामले में एक लंबे अरसा बाद हुई है। इससे यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इन सभी नेताओं के साथ अकेले में मिलकर ये बलात्कारी क्या कर रहे थे? गत दिनों एआईसीसी मुख्यालय में राष्ट्रीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता डॉली शर्मा ने जिस तल्खी भरे अंदाज में इस बहुचर्चित गैंगरेप मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों- कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान के भाजपा से जुड़ने के साक्ष्य कैमरे के सामने प्रदर्शित किये और केंद्रीय व राज्य भाजपा से जुड़े बड़े-बड़े नेताओं के संग वाली उनकी फोटो प्रतियां जारी की, उससे उनके नाम और पहचान दोनों ही  स्पष्ट हो चुके हैं। क्योंकि इसी आधार पर वाराणसी पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की और जेल भेज दिया। इसके बाद कांग्रेस ने इस मामले को तूल दे दिया। 

समझा जाता है कि तेलंगाना में प्रवल्लिका आत्महत्या कांड को तूल देकर कांग्रेस को सूबाई सत्ता तक पहुंचवाने वाली डॉली शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से जुड़े इस मामले को तूल देकर यूपी में कांग्रेस की शानदार वापसी कराना चाहती हैं, क्योंकि यह उनका गृह प्रदेश है और उनका परिवार खांटी कांग्रेसी परिवार करार दिया जाता है, जिनकी अपनी क्षेत्रीय और सूबाई पहचान है। इसके लिए उनके वाराणसी दौरे और लखनऊ में एक ऐसे ही प्रेस कांफ्रेंस की प्रतीक्षा है, जैसा कि उन्होंने एआईसीसी के निर्देश पर तेलंगाना में किया था।

बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम पर हैरत जताते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में वाराणसी महानगर भाजपा के आईटी सेल के संयोजक कुणाल पांडेय, सह-संयोजक सक्षम पटेल और कार्यसमिति सदस्य आनंद उर्फ अभिषेक चौहान की गिरफ्तारी कोई बड़ी बात नहीं है, बल्कि सुलगता हुआ सवाल तो यह है कि इन सभी दुष्कर्मियों की गिरफ्तारी में आखिर 60 दिन क्यों लग गए? ये सभी आरोपी भाजपा की ओर से मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार करने कैसे चले गए? 

आगे उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या यूपी पुलिस सोयी हुई थी या फिर किसी के दबाव में काम कर रही थी? क्या इन सबकी गिरफ्तारी में विलंब सिर्फ इसलिए हुआ,  कि इनको भाजपा के आला नेताओं का संरक्षण हासिल था और इस लंबे अंतराल का उपयोग इनसे जुड़े साक्ष्यों को मिटाने में किया गया। यह यक्ष प्रश्न है। उन्होंने यूपी पुलिस से अपेक्षा जताई कि अब आगे वह अपने नैतिक दायित्व को समझेगी और उसे बखूबी पूरा करेगी, क्योंकि अब कांग्रेस इस मामले को फॉलोअप करेगी। उन्होंने यहां तक  कह दिया कि पहले तो गृहमंत्री अमित शाह कहते थे कि उत्तर प्रदेश में दूरबीन लेकर ढूंढने पर भी अपराधी नहीं मिलेगा। लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि अब दूरबीन की जरूरत नहीं है, क्योंकि अपराधी तो आप अपने बगल में लेकर बैठे हैं। 

उन्होंने कुछ आंकड़ों का हवाला देते हुए योगी सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि उत्तर प्रदेश में हर दो घंटे में एक दुष्कर्म होता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में बुलडोजर ऐसे सत्ता संरक्षित अपराधियों के घर जाते हुए नहीं देखा गया। वह सिर्फ गरीबों-असहायों या विरोधी दलों के समर्थकों पर कहर बरपाता है। आखिर ये बुलडोजर दिखेंगे भी कैसे, जब अपराधी बृजभूषण सिंह, कुलदीप सिंह सेंगर, चिन्मयानंद और भाजपा आईटी सेल के इन पदाधिकारियों जैसे दुष्कर्मी होंगे। क्योंकि पुलिस चार्जशीट सब कुछ बताती रही, लेकिन बृजभूषण सिंह जैसे लोग खुले में घूमते हैं। आलम यह है कि आज अपराधी संसद में बैठे हुए हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं के बराबर होती है। 

उन्होंने एनसीआरबी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2021 में महिलाओं के साथ अपराध के 56,083 मामले सामने आए। वहीं, वर्ष 2022 में ये आंकड़ा बढ़ गया और 65,743 मामले सामने आए। इससे स्पष्ट है कि इन आंकड़ों में करीब 10 हजार की बढ़ोतरी हुई है। इससे साफ है कि सूबे में विधि-व्यवस्था क्षत-विक्षत है। उन्होंने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि भाजपा एक तरफ कहती है कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ', लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा महिलाओं के लिए 'बलात्कारी जनता पार्टी' बन चुकी है। भाजपा का नारा बेटी बचाओ का है और काम बेटी रुलाओ का है। 

भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ, लेकिन भाजपा नेताओं के शिकंजे से बचाओ। क्योंकि उत्तर प्रदेश में आज महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। 
उन्होंने आगे कहा कि छेड़छाड़ की इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के छात्र और युवक जाग चुके हैं। इस मुद्दे पर बीएचयू में जमकर बवाल हुआ। छात्रों के धरना-प्रदर्शन से पुलिस भी हरकत में आ गई। छात्रों ने विरोध करते हुए पूरा कैम्पस बन्द करा दिया। कक्षा और लैब में रिसर्च का काम भी बंद कर दिया गया। पूरे कैम्पस की इंटरनेट सेवा तक बंद कर दी गई थी। पिछले 2 माह से इनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए छात्र और युवक जगह-जगह पर आंदोलन करते रहे, जिसे स्थानीय लोगों का समर्थन भी मिला। तब जाकर पीएमओ से लेकर सीएमओ तक ने दबाव महसूस किया और दोषियों की गिरफ्तारी हुई। 
इसलिए मैं फिर से पूछना चाहती हूँ कि वो कौन हैं जो उन्हें बचा रहे हैं। आखिर गत 31 दिसम्बर 2023 को नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी कैसे हो गई। इस मामले में प्रधानमंत्री जी, बताइए, क्या इन्हें आपका संरक्षण था। आखिर ये लोग एमपी कैसे पहुंच गए। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन्होंने पूछा कि पीएम के क्योटो में बुलडोजर आखिर क्यों नहीं भेजा गया। योगी जी बताइए कि आखिर इनके घर पर बुलडोजर कब चलेगा। पत्रकारों को उन्होंने इशारा किया कि, अब मैं कुछ और बोलूं, उससे ज्यादा आप समझ जाइए।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस देश में बेटियों की पूजा होती हैं, वहीं बीजेपी के पोस्ट होल्डर चौकीदार अपनी करतूतों से उन्हें शर्मशार कर रहे हैं। पीएम कहते हैं कि मुझे मां गंगा ने बुलाया। हम वाराणसी को क्योटो बनाएंगे, लेकिन आपके वाराणसी रूपी क्योटो में बेटियों के साथ ये क्या हो रहा है, इस पर कुछ नहीं बोलेंगे, जबकि इन वारदातों से देश-प्रदेश शर्मसार है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता पहले ट्वीटर आदि पर इन दुष्कर्मियों को फॉलो करते हैं, फिर उनके एकाउंट डिलीट कर दिए जाते हैं। ऐसे ज्वलंत मुद्दों पर बीजेपी की महिला नेता भी नहीं बोलेंगी। वो सिर्फ हथिनी पर बोलेंगी। लेकिन जब कांग्रेस की महिला नेत्रियां वाराणसी, हाथरस, उन्नाव जैसे लोमहर्षक वारदातों पर बोलेंगी, तो उन्हें सोशल मीडिया मंचों पर गालियां दी जाएंगी, दिलवाई जाएंगी। लेकिन इससे हमलोग डरने वाले नहीं हैं। हमें कोई चुप नहीं करा सकता।

उन्होंने आगे कहा कि कभी दिल्ली निर्भया के केस को तूल देने-दिलाने वाले लोग आज मीडिया वालों को फोन करके कहते हैं कि ये-ये मत दिखाना! लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि कांग्रेस जनहित के ऐसे मुद्दे पहले से उठाती आई है और आगे भी उठाते रहेगी। हमारे नेता राहुल गांधी किसानों-मजदूरों-युवाओं आदि के मुद्दों पर पीएम की आंख में आंख डालकर बात करते रहेंगे। उन्होंने तंज कसा कि  गुजरात के बिलकिस बानो मामले के आरोपी जब छूटे तो भाजपा के मंचों पर उनका स्वागत हुआ, उसी तरह से वाराणसी के आरोपी भी जब छूटेंगे तो फिर ये उनका स्वागत करेंगे। लेकिन मैं बता देती हूं कि यूपी में अब ऐसा नहीं होने दूंगी। भाजपा यह समझ ले कि जो जनता सियासी अर्श पर पहुंचाती है, वही फर्श पर भी पहुंचा देगी।

वहीं, कांग्रेस ने सवालिया लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ही संसदीय क्षेत्र बनारस में एक छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ और आरोपित भाजपा आईटी सेल के पदाधिकारी निकले। इन्हें गिरफ्तार करने में 60 दिन का समय लग गया, क्योंकि ये बलात्कारी मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा का प्रचार कर रहे थे। इन 60 दिनों में सबूत मिटाने की कोशिश की गई होगी। अगर बीएचयू के छात्रों ने इस घटना को नहीं उठाया होता तो बहुत सारे दूसरे मामलों की तरह यह मामला भी दबा दिया जाता। 

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी एवं भाजपा नेताओं के साथ आरोपियों की तस्वीर दिखाई और कहा कि इनके साथ इतनी घनिष्ठता है कि आरोपी अकेले में प्रधानमंत्री मोदी व अन्य नेताओं से मिल रहे हैं। इसलिए उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि आखिर प्रधानमंत्री इस मामले पर चुप क्यों हैं? आज देश की हर बहन, हर बेटी के मन में एक ही सवाल है कि अपने ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ऐसी घटना देखकर भी प्रधानमंत्री मोदी जी का दिल नहीं बैठा? क्या अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा आदि क्या अपनी चुप्पी तोड़ेंगे? 

उल्लेखनीय है कि एक नवम्बर 2023 को आईआईटी बीएचयू में न्यू गर्ल्स हॉस्टल से घूमने निकली एक छात्रा से छेड़छाड़ हुई थी। तब तीन युवकों ने दोस्त के साथ जा रही लड़की को रोका और उसके साथ छेड़छाड़ की। उन्होंने वीडियो भी बनाया और उसका फोन भी ले लिया। इस घटना के विरोध में काफी छात्र सड़क पर उतर आए और कैम्पस में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर बैनर-पोस्टर के साथ अनवरत रूप से धरना-प्रदर्शन जारी रखा। जिससे दबाव में आई सरकार और वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने न केवल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, बल्कि उनके पास से वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को भी बरामद कर लिया। 

डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम के मुताबिक, इस सम्बन्ध में लंका थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी। 
इसलिए आरोपियों को उनके घर से लंका पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने पकड़ा। घटना में प्रयुक्त बुलेट, उनके मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। घटना के समय के वीडियो सभी ने डिलीट कर दिए थे। सभी ने अपना जुर्म स्वीकार किया।पूछताछ के बाद सभी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। बताया जाता है कि घटना के दूसरे दिन ही सीसीटीवी कैमरे में चेतगंज में तीनों बुलेट पर कैद हुए। वहीं, फुटेज अब सोशल मीडिया पर वायरल है। चूंकि उस समय संदिग्ध के तौर पर चिंहित हुए, लेकिन पुष्टि नहीं थी। इसलिए पुलिस ने पुष्टि के बाद गिरफ्तारी की है।

वहीं, इस घटना की पीड़ित छात्रा की ओर से पुलिस को दिए हुए बयान में बताया गया था कि घटना के दिन रात एक बजकर तीस मिनट पर वह अपने हॉस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली थी। कैम्पस के गांधी स्मृति चौराहे के पास उसका दोस्त मिला था। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। जिसपर तीन लड़के सवार थे। उनलोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। कुछ देर बाद डरा-धमकाकर उसके दोस्त को भगा दिया और उसका मुंह दबाकर गलत हरकत की। जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। उसका फोन भी ले लिया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

संस्मरण श्रद्धांजलि: नाती की स्मृतियों में नाना की सुमधुर यादें

पूर्वी भारत के युवा उद्यमियों के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे उद्यमी स्व. अजय कुमार सिंह