हर घर तिरंगा यात्रा 2025 की सफलता और आम लोगों की सुरक्षा के लिए सदैव ततपर रहूंगा
हर घर तिरंगा यात्रा 2025 की सफलता और आम लोगों की सुरक्षा के लिए सदैव ततपर रहूंगा
@ डॉ दिनेश चंद्र सिंह, आईएएस, जिलाधिकारी, जौनपुर
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान और माननीय मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा से जनपद जौनपुर में अभूतपूर्व "हर घर तिरंगा यात्रा 2025" का सफल आयोजन किया गया और इसमें शामिल हुए राष्ट्रवादी लोगों की चाक चौबंद सुरक्षा और जनसुविधाओं की अनवरत आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से जुड़े लोग यात्रा मार्ग पर ततपर रहे। निर्विघ्न रूप से और राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होकर इस तिरंगा यात्रा की सफलता से सम्पूर्ण प्रशासन हर्षित है।
चूंकि मैं भगवान शिव के एकादश अवतार श्री हनुमानजी को अपना ईष्टदेव मानता हूँ। साथ ही भारत माता को सीता मैय्या के रूप में अपने अंतर्मन में पाता हूँ। इसलिए शपथ पूर्वक कहता हूं कि, "जनपद जौनपुर में हर घर तिरंगा यात्रा प्रदेश और देश में सर्वश्रेष्ठ है। वह इसलिए क्योंकि मेरे मन में केवल एक ही भाव है और रहेगा- तिरंगा के प्रति अपार सम्मान। अगाध प्रेम।" इसलिए शपथ पूर्वक श्री हनुमानजी और भारत माता के श्रीचरणों में नमन करते हुए विनम्र शब्दों में कहता हूं कि- "राम दूत मैं मातु जानकी, सत्य शपथ करुणा निधान की। यह मुद्रिका मातु मैं आनी, दीन्ह राम तुम कह सहिदानी।।"
दरअसल, उपर्युक्त चौपाई का भाव यह है कि, जिस प्रकार श्री हनुमानजी द्वारा सीता माता को अपना परिचय देकर अवगत कराया था कि मैं रामदूत हूँ और यह शपथ मैं करुणा निधान अर्थात मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की शपथ लेकर कह रहा हूँ, इसी प्रकार हर घर तिरंगा यात्रा 2025 के अंतर्गत जौनपुर में मेरे नेतृत्व और टीम के सभी साथियों/अनुगामियों के सहयोग से जो उत्कृष्ट अभियान संपन्न/संपादित हुआ है, वह चिरस्मरणीय रहेगा। इसलिए पुनः मैं भी "करुणा निधान की शपथ" के साथ कह रहा हूँ कि "यह मेरे राष्ट्र और तिरंगा के प्रति अगाध प्यार एवं सम्मान है, और कुछ नहीं बस यह एक राष्ट्रीय जूनून है। मैं अपने जीवन के अन्तिम क्षण तक, खून के शरीर में अंतिम कतरे यानी समय तक, इसी प्रकार हर घर तिरंगा यात्रा का अभिन्न अंग बनकर और कार्यकर्ता के रूप में उत्कृष्ट कार्य करता रहूंगा।"
बताता चलूं कि निज शीर्षासन के विश्व रिकॉर्ड दिनांक 13 अगस्त 2025 की यात्रा के पूर्व प्रातः 05:00 बजे पुनः "सत्य शपथ करुणा निधान" को साक्षी मानकर और उनकी शपथ लेते हुए मैंने यात्रा की सफलता और प्रतिभागियों की कुशलता के लिए 59:30 मिनट तक शीर्षासन की मुद्रा में सम्पूर्ण सुंदरकांड पाठ आरती सहित पूर्ण किया था और गणेश स्तुति एवं बाबा विश्वनाथ जी शिव स्तुति "शिव रुद्राष्टक" के पाठ के साथ एक घण्टा से अधिक शीर्षासन किया। इससे हमारे मन मस्तिष्क में असीम ऊर्जा का संचार हुआ। इस दौरान मुझे अपने ईष्ट श्री युत हनुमान जी और प्रभु श्री राम जी एवं त्रिलोकनाथ महादेवजी का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ था।
मैं पुनः निवेदित करता हूँ कि यदि इसमें यानी उपर्युक्त त्वरित शब्द भाव प्रवाह में एक भी शब्द झूठ हो तो ईश्वर मुझे दंड दें और यदि मेरे नेक प्रयास की अनदेखी हो तो ईश्वर की इच्छा, वह जो चाहे करें। दरअसल, ठीक ही कहा गया है कि- "सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलखि कहेउ मुनिनाथ। हानि, लाभु, जीवनु, मरणु, जसु, अपजसु विधि हाथ।।" इसलिए मेरा यह सम्पूर्ण प्रयास ईश्वर को समर्पित है। यथा योगयां, तथा कुरु। अर्थात उनकी जैसी इच्छा होगी, वैसा फल स्वीकार करने को मैं हर क्षण तैयार हूं।
सिराजे हिन्द जौनपुर के सभी आवाम, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के सभी अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों व उन तमाम सुधीजनों का हृदय से आभार, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और इसे बेहद सफल बनाया। जय हिंद, जय भारत, जय तिरंगा। विश्व विजयी तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। ऊंचा रहेगा तिरंगा प्यारा।
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