ई-श्रम पोर्टल क्या है? असंगठित क्षेत्रों के वर्करों को इससे क्या क्या फायदे होंगे?

ई-श्रम पोर्टल क्या है? असंगठित क्षेत्रों के वर्करों को इससे क्या क्या फायदे होंगे?

@ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

केंद्र में जब से मोदी सरकार आई है, वह समाज के दबे-कुचले और मेहनतकश वर्ग के लोगों को लक्षित करके कुछ न कुछ ऐसा जरूर कर रही है, जिससे समाज के इस बड़े तबके को इस बात का भरोसा हो जाता है कि यह सरकार उनके हितों की रक्षा करने और शासन-प्रशासन की विभिन्न योजनाओं का फायदा उन तक पहुंचाने के लिए प्रयत्नशील है। वाकई इस सरकार ने विगत सवा सात साल में जो कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं,  ई-श्रम पोर्टल उनमें से एक है और छोटे-मोटे रोजगार पेशा वालों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 

बता दें कि इसे लांच करके पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के असंगठित क्षेत्रों से जुड़े 38 करोड़ लोगों को एक बड़ा तोहफा दिया है। साथ ही, इस तबके के लिए एक टोल फ्री नम्बर भी जारी कर दिया है, ताकि रजिस्ट्रेशन से जुड़ी परेशानी सम्बन्धी अपनी बात वो सिस्टम तक बिना किसी अतिरिक्त खर्च के पहुंचा सकें और वहां से प्राप्त जानकारी का अपने लिए उपयोग कर सकें। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि ई-श्रम पोर्टल  क्या है और इसके क्या क्या फायदे होंगे।

# ई-श्रम पोर्टल होगा मजदूरों का डाटाबेस, मिलेगा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ

गौरतलब है कि असंगठित क्षेत्रों के वर्करों के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ई-श्रम पोर्टल नाम से एक पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल के साथ ही उसने एक नेशनल टोल फ्री नंबर 14434 भी जारी कर दिया है। अब श्रमिक इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। एक प्रकार से यह मजदूरों का डाटाबेस होगा, जिसकी मदद से सरकार सामाजिक सुरक्षा योजनाओं (सोशल सिक्योरिटी स्कीमों) को उनके दरवाजे पर तक बहुत ही कम खर्च में पहुंचाएगी।

बता दें कि गत दिनों ही केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री ने इस ई-श्रम पोर्टल का लोगो लॉन्च किया था। तब उन्होंने कहा भी था कि इस पोर्टल के लांच होने से मजदूरों से लेकर रेहड़ी-पटरी वालों को काफी फायदा होगा। वास्तव में, यह 'हमारे राष्ट्र निर्माताओं, हमारे श्रम योगियों' का एक व्यापक राष्ट्रीय डाटाबेस होगा, जिसके मार्फ़त सरकार अपनी तमाम सामाजिक सुरक्षा (सोशल सिक्योरिटी) योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएगी। इसी के लिए असंगठित क्षेत्र (अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर) के 38 करोड़ वर्करों का नेशनल डाटाबेस यानी ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया गया है। बता दें कि इस डाटाबेस में मजदूर, प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार, कंस्ट्रक्शन वर्कर, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर, खेतीहर मजदूर और असंगठित क्षेत्र के दूसरे वर्कर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

# अब श्रमिकों को स्वयं कराना होगा अपना पंजीकरण 

ई-श्रम कार्ड के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट https://eshram.gov.in/ पर जाना होगा। इस बहुप्रतीक्षित डाटाबेस के लॉन्च होने के बाद अब श्रमिकों को स्वयं ही अपना पंजीकरण कराना होगा। उनको अपने नाम, पेशा, पता, पेशे का प्रकार, शैक्षिक योग्यता, कार्य कौशल और पारिवारिक विवरण आदि की पूरी जानकारी देनी होगी। वहीं, प्रवासी मजदूर भी अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर पंजीकरण करा सकते हैं। इस मिशन की खास बात यह है कि जिन मजदूरों के पास फोन नहीं हैं या जो पढ़ना/लिखना नहीं जानते हैं, वो भी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के केंद्रों पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। वहीं, श्रमिक के 12 अंकों वाले यूनिक अकाउंट नंबर का एक रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाया जाएगा, जिसे ई-श्रम कार्ड नाम दिया गया है। एक प्रकार से यह मजदूरों व ऐसे ही लोगों की एक स्थायी पहचान होगी। इसे असंगठित और प्रवासी श्रमिकों के डाटाबेस को आधार के साथ जोड़ा जाएगा। यह हमेशा अपडेट भी किया जाता रहेगा।

बता दें कि इस कार्ड के लिए 16 से 59 वर्ष उम्र का कोई भी व्यक्ति अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। हालांकि, पोर्टल पर उसको यह बताना होगा कि आप ईपीएफओ या फिर ईएसआईसी के सदस्य हैं या नहीं। अगर आप ईपीएफओ या ईएसआईसी में से किसी के भी सदस्य हैं तो आप अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे। दरअसल, इसे लॉन्च ही उन्हीं लोगों के लिए किया गया है जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और ईपीएफओ या ईएसआईसी का लाभ नहीं ले पाते हैं।

# नेशनल टोल फ्री नंबर 14434 भी हुआ जारी

ई-श्रम पोर्टल के साथ ही असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत देश के करोड़ों कामगारों की सुविधा के लिए सरकार एक नेशनल टोल फ्री नंबर भी जारी करेगी। जिससे वर्कर इस नंबर पर फोन करके पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी जानकारी ले सकेंगे। ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए उन्हें आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी। यह नंबर है-14434 

बताते चलें कि पिछले साल कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से असंगठित क्षेत्र के कामगार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। प्राप्त जानकारियों के मुताबिक, लाखों वर्कर्स की नौकरी चली गई तो उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया। जिसके चलते मजदूरों ने बड़े पैमाने पर अपने अपने घर की ओर वापसी की। इसी के बाद सजग हुई सरकार ने वर्कर्स के नेशनल डेटाबेस तैयार करने पर जोर दिया। यह बात दीगर है कि  इस प्रक्रिया में भी सुस्ती आई और बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पोर्टल तैयार किया गया है। इस कदम का लक्ष्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण करना है। बता दें कि श्रमिकों का विवरण राज्य सरकारों और विभागों द्वारा भी साझा किया जाएगा।

भारत सरकार द्वारा ई-श्रम पोर्टल शुरू करने के साथ ही देश भर में असंगठित कामगारों का पंजीकरण शुरू हुआ है। श्रम मंत्री ने कहा भी है कि असंगठित क्षेत्र के कामगार भारत के राष्ट्र निर्माता हैं और यह पोर्टल उनके कल्याण से जुड़े प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में एक और अहम पड़ाव है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार असंगठित कामगारों के होने वाले पंजीकरण की व्यवस्था की जा रही है। यह न केवल उन्हें पंजीकृत करेगा बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लागू की जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को पूरा करने में भी मददगार होगा। 

यही नहीं, ई-श्रम पोर्टल पर प्रत्येक पंजीकृत असंगठित कामगार के लिए दो लाख रुपये के दुर्घटना बीमा योजना को मंजूरी देने के लिए भी प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यदि कोई कामगार इस पोर्टल पर पंजीकृत है और दुर्घटना का शिकार होता है, तो वह मृत्यु या स्थायी रूप से शारीरिक विकलांगता का शिकार होने पर दो लाख रुपये और आंशिक रूप से शारीरिक विकलांगता का शिकार होने पर एक लाख रुपये के लिए पात्र होगा और सरकार हमेशा कामगारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

इसलिए उन्होंने देश के लोगों से अपील की कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और अन्य चीजों के साथ-साथ सभी असंगठित कामगारों के राष्ट्रीय डेटाबेस का निर्माण करने वाले इस पोर्टल पर इन कामगारों को पंजीकृत करवाएं तथा भारत सरकार के इस बहुत जरूरी लक्ष्य - "छूटेगा नहीं कोई कामगार, योजनाएं पहुचेंगी सबके द्वार" को पूरा करने में भागीदार बनें।

केंद्रीय श्रम मंत्री ने देश के प्रमुख केंद्रीय मजदूर संघों के नेताओं के साथ भी इस योजना को सफल बनाने के लिए  बातचीत भी की थी। इन मजदूर संघों में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीयूसी), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), हिंदू महासभा (एचएमएस), सेंटर फोर इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-इंप्लॉयड वीमेंस एसोसियेशन (सेवा), यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (यूटीयूसी), नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (डीएचएन) शामिल थे। केंद्रीय मजदूर संघों के सभी नेताओं ने कहा कि असंगठित कामगार भारत के राष्ट्र निर्माता हैं और यह पोर्टल उनकी भलाई के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। उन्होंने स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि केंद्रीय मजदूर संघों और राज्यों में उनकी शाखाएं ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित कामगारों के पंजीकरण के इस महत्वपूर्ण कार्य में अपनी ओर से पूरी मदद करेंगे।

   

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की उत्कृष्ट प्रबंधकीय व्यवस्था का अनुपम उदाहरण है महाकुंभ 2025

सद्कर्म और श्रम आधारित फल पर जीने का प्रयास और रियाज कीजिए, सुख-शांति मिलेगी

सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ एसपी सिंह बैकुंठ लोक पहुंचे, जिलाधिकारी ने शोक व्यक्त किया, नाना जी की याद में नाती-नतिनी ने लिखा भावनात्मक पत्र