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पीएम मोदी द्वारा आरएसएस की तारीफ से उभरे आलोचनात्मक स्वरों के सियासी मायने समझिए

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पीएम मोदी द्वारा आरएसएस की तारीफ किए जाने के बाद उभरे विपक्षी आलोचनात्मक स्वरों के सियासी मायने समझिए @ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक देश-दुनिया की सबसे बड़ी अपंजीकृत गैर सरकारी संस्था  (एनजीओ) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तारीफ जब दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो और सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की अगुवा पार्टी है, के प्रखर नेता, ओजस्वी वक्ता, पूर्व संघ प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से की, तो वह कोई साधारण क्षण नहीं था, बल्कि आरएसएस की स्थापना के शतक वर्ष पर 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे प्रधानमंत्री के हृदय से निकला उद्गार है।  वहीं, सियासी रूप से मूढ़ और अकर्मण्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और उसकी सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) ने जिस तरह से प्रधानमंत्री के आरएसएस सम्बन्धी विचार की खिल्ली उड़ाई, उससे जनसेवा, समाजसेवा व राष्ट्रसेवा के प्रति उनका उपहास बोध उजागर हो गया। ये वही लोग हैं जिन्होंने दलित-पिछड़ों-अल्पसंख्यकों के शोषण के नाम पर सत्ता हथियाकर स...

स्वतंत्रता दिवस: राष्ट्रीय प्रेरणा पुरुष नरेंद्र मोदी के '12 वें राष्ट्रीय अभिभाषण' के सकारात्मक मायने

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स्वतंत्रता दिवस: राष्ट्रीय प्रेरणा पुरुष नरेंद्र मोदी के '12 वें राष्ट्रीय अभिभाषण' के सकारात्मक मायने @ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक राष्ट्रीय प्रेरणा पुरुष समझे जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले से लेकर बारहवें मुख्य राष्ट्रीय आह्वान यानी स्वतंत्रता दिवस सम्बोधन को मैं अक्सर गौरपूर्वक सुनता रहा हूँ। उनके मुखारबिंद से निकले प्रत्येक शब्द के, उससे जुड़े उनके चेहरे के पॉजिटिव हाव-भाव से इसके  सकारात्मक मायने को तलाशता आया हूँ। इससे निकल रहे कतिपय महत्वपूर्ण संदेशों से आपको हर बार अवगत कराते रहा हूँ। इस बार भी मेरी यही कोशिश है, क्योंकि उन्होंने अबतक की सबसे महत्वपूर्ण बात कही है। इसे हमें जानना-समझना चाहिए। यही राष्ट्रीय हित में है और इसी में व्यक्तिगत हित भी समाविष्ट है। यूँ तो उनसे पहले भी हमने लौह महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, युवा सपनों के तकनीकी हृदय सम्राट प्रधानमंत्री राजीव गांधी, सबसे 'छलिया' प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह, सर्वाधिक विद्वान प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हाराव, प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, चतुर प्रधा...

हर घर तिरंगा यात्रा 2025 की सफलता और आम लोगों की सुरक्षा के लिए सदैव ततपर रहूंगा

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हर घर तिरंगा यात्रा 2025 की सफलता और आम लोगों की सुरक्षा के लिए सदैव ततपर रहूंगा @ डॉ दिनेश चंद्र सिंह, आईएएस, जिलाधिकारी, जौनपुर  माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान और माननीय मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा से जनपद जौनपुर में अभूतपूर्व "हर घर तिरंगा यात्रा 2025" का सफल आयोजन किया गया और इसमें शामिल हुए राष्ट्रवादी लोगों की चाक चौबंद सुरक्षा और जनसुविधाओं की अनवरत आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से जुड़े लोग यात्रा मार्ग पर ततपर रहे। निर्विघ्न रूप से और राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होकर इस तिरंगा यात्रा की सफलता से सम्पूर्ण प्रशासन हर्षित है। इसलिए मेरे आराध्य ईष्ट श्रीयुत हनुमानजी, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी, सृष्टि के पालक एवं संहारक प्रभु बाबा विश्वनाथ जी, शिवशंभु जी....आपके नाम और आशीर्वाद को आत्मसात करते हुए मैं अपनी अनुभूति से यह अभिव्यक्त कर रहा हूँ कि "हर घर तिरंगा यात्रा 2025" के अंतर्गत मैंने अपनी टीम के साथ जो भी जनभावनाओं के अनुरूप कार्य किया है, उससे मुझे आत्मसंतोष है। इसलिए अपनी अन्तर...

आर्थिक व सैन्य मोर्चे पर अमेरिका-चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हुआ भारत, अब बातचीत बराबरी से

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आर्थिक व सैन्य मोर्चे पर अमेरिका-चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हुआ भारत, अब बराबरी से ही करेगा बातचीत @ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक दुनिया के आर्थिक और सैन्य मंच पर तेजी से कद्दावर बन चुके गुटनिरपेक्ष देश भारत ने रूस को साधकर नम्बर वन  अमेरिका और नम्बर टू चीन को रणनीतिक मुश्किल में डालते हुए भींगी बिल्ली बना दिया है। इससे समकालीन विश्व के जी-7, नाटो, जी--20, ,ब्रिक्स और एससीओ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में ग्लोबल साउथ की पूछ-परख बढ़ गई है, क्योंकि इनका अगुवा अब भारत बन चुका है। जानकार बताते हैं कि अमेरिकी दांवपेंचों और चीनी पैंतरों से आजिज आ चुके इन ग्लोबल साउथ के देशों को भारत की सदाशयी नीतियों से जो नीतिगत राहत और वैश्विक सहयोग मिला है, वह इनकी प्राथमिक जरूरत भी है। चूंकि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में भारत सबसे तेज़ इकॉनमी बन चुका है, मजबूत सैन्य ताकत के रूप  में छा चुका है, इसलिए भारत की मुखालफत दुनियावी थानेदारों को भी भारी पड़ सकती है। यह ठीक है कि सीजफायर और टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दावों-आरोपों का भारत ने अभ...

आखिरकार ईरान की तरह पाकिस्तानी परमाणु ठिकानों को भी नेस्तनाबूद कब करेगा भारत?

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आखिरकार ईरान की तरह पाकिस्तानी परमाणु ठिकानों को भी नेस्तनाबूद करने में आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहा है भारत? @ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित टाम्पा में पाकिस्तानी आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने फिर एक धमकी भरा बयान दिया है। हालांकि उस पर भारत ने पलटवार करते हुए दो टूक कह दिया है कि किसी भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल के प्रभाव में नहीं आएंगे। दरअसल, फ्लोरिडा में पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए मुनीर ने कथित तौर पर परमाणु हमले की धमकी देते हुए कहा था कि भविष्य में भारत के साथ युद्ध में उनके देश के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र है। अगर हमें लगता है कि हम नीचे जा रहे है, तो हम अपने साथ आधी दुनिया को भी नीचे ले जाएंगे।  इससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने जिस तरह से खुलेआम परमाणु युद्ध की धमकी दी है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इससे भारत की यह चिंता पुष्ट होती है कि पाकिस्तान के पास एटॉमिक पावर होना पूरी दुनिया के लिए खतरा है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जा...

क्या पीएम नरेंद्र मोदी के सितंबर अमेरिकी दौरा से आपसी रिश्तों में जमी बर्फ कुछ पिघलेगी?

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क्या पीएम नरेंद्र मोदी के सितंबर अमेरिकी दौरा से आपसी रिश्तों में जमी बर्फ कुछ पिघलेगी? समझिए मायने! @ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक चाहे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंफ हों, या अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेन्स, दोनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "टफ नेगोशिएटर" यानी "कठोर वार्ताकार" बताते आए  हैं। इसका अभिप्राय एक ऐसे व्यक्ति से होता है जो बातचीत में आसानी से हार नहीं मानता, अपनी बात पर दृढ़ रहता है और समझौते पर पहुंचने के लिए आसानी से झुकता नहीं है। जब-जब मैं उन दोनों नेताओं के मुख से  टफ नेगोशिएटर शब्द सुनता हूँ तो महसूस करता हूँ कि आखिर इन अमेरिकियों के मन में चल क्या रहा है?  लेकिन अब उन बातों का जवाब मिल चुका है। वह यह कि अमेरिका को चीन के मुकाबले एक मजबूत भारत नहीं, बल्कि पिछलग्गू भारत की जरूरत है। वहीं, भारत विरोधी पाकिस्तान व बंगलादेश को पुनः भड़काकर अमेरिकी नेताओं ने मित्रता की आड़ में जो शत्रुतापूर्ण चालें चलीं हैं, उसके भी सही जवाब का उन्हें इंतजार करना होगा, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी आजतक किसी के चतुराई भरे व्यवहार या ...

सड़क के कुत्तों को डॉग शेल्टर होम में रखने के सुप्रीम आदेश के व्यवहारिक मायने दिलचस्प

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सड़क के कुत्तों को डॉग शेल्टर होम में रखने के सुप्रीम आदेश के व्यवहारिक मायने दिलचस्प @ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने गत सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के इलाकों से सड़क के कुत्तों को पकड़ने और उन्हें डॉग शेल्टर में रखने का निर्देश दिया है, उसके व्यवहारिक मायने दिलचस्प हैं, जबकि कतिपय नेताओं व पशु प्रेमियों ने इस सुप्रीम आदेश की सड़क छाप मुखालफत शुरू कर दी है। देखा जाए तो यह प्रेम या घृणा का मामला नहीं है, बल्कि वह सामाजिक न्यायिक पहल है जिससे सबका लोकतंत्र सुनिश्चित होता है। खासकर उन बच्चों-बुजुर्गों का जिन्हें इनसे सर्वाधिक खतरा रहता है। इसी भय से कई बार वे अकेले पार्क या पड़ोस में जाने से घबराते हैं। दरअसल, कोर्ट ने ऐसा आदेश कुत्तों के काटने और रेबीज के खतरे के बढ़ने के मद्देनजर स्वत: संज्ञान लेते हुए उक्त आदेश दिया है। इसलिए वह आलोचना नहीं बल्कि बधाई का पात्र हैं। इससे मीडिया रिपोर्ट्स की गंभीरता और प्रासंगिकता भी परिपुष्ट हुई है। मेरी व्यक्तिगत राय है कि इसका दायरा बढ़ाकर इसमें बंदरों और उन जानलेवा आवारा जानवरों को भी इसमें शामिल किया ...